शराब के सुरूर के चक्कर में लुट मत जाइएगा हुजूर, ऐसे हो रही है ठगी
लॉकडाउन में सुरापान के शौकीनों पर इस वक्त ठगों की भी नजर है। यदि आप भी कहीं से होम डिलीवरी कराने की बात अपने जहन में सोच रहे हैं तो जरा सावधान हो जाइए। क्योंकि, इस वक्त ठगों ने इन शौकीनों से ही ठगी करने की योजना बनाई है।
 

फेसबुक पर इन दिनों कई मोबाइल नंबर वायरल हो रहे हैं, जिन पर ठग पहले रकम जमा करा रहे हैं। ऐसे ही एक मामले में दून पुलिस ने जांच भी शुरू कर दी है।

दरअसल, इस नंबर पर जब अमर उजाला के रिपोर्टर ने अपने साथी से बात कराई तो उसकी तमाम बातें संदिग्ध लगीं। फोन पर बात करने वाला खुद को शराब ठेके का मालिक बता रहा है।


पुलिस ने शुरू की जांच



यही नहीं वह पहले इसके लिए एडवांस रकम मांग रहा है। पेटीएम, गूगल पे आदि माध्यम नहीं है तो डेबिट कार्ड की डीटेल भी इस कथित ठेकेदार को चलेगी। ऐसे में आपको सुरूर हो या न हो, लेकिन आपके खाते पर डाका पहले लग जाएगा। 

इस संदिग्धता के आधार पर ही इसकी जानकारी पुलिस को दी गई। पुलिस ने इस नंबर के स्थानीय होने से इनकार किया है और प्राथमिक जांच शुरू कर दी है।

पुलिस अधीक्षक नगर श्वेता चौबे ने बताया कि यह नंबर राजस्थान का है। प्राथमिक जांच में यह ठग ही लग रहा है। एसओजी को इस मामले की जांच सौंपी गई है। जल्द ही इसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।




ये हुई बातचीत, ऐसे हुआ शक 



उधर से फोन रिसीव होने के बाद
रिपोर्टर का साथी- हैलो...भाई वो मिलेगी क्या?
कथित ठेकेदार- क्या दवा या दारू?
रिपोर्टर का साथी- हां भाई दारू...सीधे कहने में जरा ऐसा ही लगता है ना?
कथित ठेकेदार- हां मिल जाएगी, लेकिन इसके लिए पैसे पहले देने होंगे?
रिपोर्टर का साथी- अच्छा, कैसे देने होंगे?
कथित ठेकेदार- आपके पास पेटीएम है?
रिपोर्टर का साथी- नहीं, मेरे पास तो नहीं है?
कथित ठेकेदार- तो कुछ ऐसा कोई और जरिया?
रिपोर्टर का साथी- नहीं मेरे पास नहीं है।
कथित ठेकेदार- तो डेबिट कार्ड तो है ना उसका नंबर ही बता दो?
रिपोर्टर का साथी- ठीक है मैं लेने जाता हूं डेबिट कार्ड?
कथित ठेकेदार- कहां से लेकर आ रहे हो डेबिट कार्ड?
रिपोर्टर का साथी- वो आज मेरा पर्स घर पर रह गया था?
कथित ठेकेदार - अच्छा अच्छा ठीक है...। इसके बाद रिपोर्टर के इशारे पर उनका साथी फोन काट देता है।